मस्तिष्क में होने वाली बीमारियां, लक्षण एवं उनका इलाज

मस्तिष्क में होने वाली बीमारियां :- मस्तिष्क जीव जंतुओं का केंद्रीय तंत्रिका नियंत्रण करने का केंद्र है । शरीर के सारे न्यूरॉन्स मस्तिष्क से ही जुड़े होते हैं। मस्तिष्क के द्वारा शरीर के सभी अंगों के कार्यों  कार्यों की देखरेख एवं उसे नियंत्रित किया जाता है। इसीलिए मस्तिष्क को शरीर का मुख्य अंग भी कहा जाता है। मस्तिष्क का मुख्य काम विचार, निर्णय, स्वभाव, व्यक्तित्व, बुद्धि तर्कशक्ति ,स्मरण आदि सबको नियम में रखना। मस्तिष्क कई चीजों से बना होता है।

संरचना के आधार पर मस्तिष्क के मुख्यतः तीन भाग होते हैं।

  1. अग्र मस्तिस्क या फोर ब्रेन
  2. सेरेब्रं(cerebram) , डिएंसफलों(diencephalon) ये अग्र मस्तिस्क के भाग होते है।
  3. मध्य मस्तिस्क या मिड ब्रेन
  4. हिंद ब्रेन
  5. मेडुला, पॉन्स और अनुमास्टिसक हिंद ब्रेन के भाग होत है।
  1. अग्र मस्तिस्क या फोर ब्रेन :
  2. सेरेब्रं :

दूसरे अंगों के मुकाबले यह सबसे बड़ा होता है बाकी सारे भाग इसके अंदर छिपी होते हैं। ऐसे दो भागों में बांटा गया है दाहिनी गोलार्ध एवं बाईं गोलार्ध। यह संवेदना, गतिविधि ,संचार, यादश के लिए जिम्मेवार रहता है। डिएंसफलों(diencephalon).

इसकी रचना कई चीजों से होती है जो की निम्नलिखित है:-

  1. थैलेमस
  2. सथैलेमस
  3. पिट्यूटरी
  4. एपीथालामस
  1. थैलेमस :- सभी संवेदनाशील सूचनाओं को सेलिब्रेट कॉन्टेक्स्ट से जाने से पहले उसे थैलेमस से गुजरना पड़ता है। इस सिग्नल्स को मस्तिष्क के संबंधित क्षेत्र में भेजता है। तेरे बस नींद के दौरान बहुत ही अहम भूमिका निभाता है ,यह सिग्नल्स को मस्तिष्क के बाकी हिस्सों तक पहुंचने से रोकता है ताकि व्यक्ति या जीव जंतु बिना कोई परेशानी के आराम से सो सके। मुख्य रूप से थैलेमस का काम है चेतना और नींद का रेगुलेशन को नियंत्रित करना।

प्रमुख कार्य:-

  1. इंसान को जगाए रखने एवं सतर्कता में अहम भूमिका निभाता है।
  2. मुख्य मुख्य सूचनाओं पर ध्यान को एकाग्र रखना।
  3. सिग्नल्स को दिमाग तक पहुंचाना और सूचनाओं को उसका संबंधित क्षेत्र तक प्रसारित करना।
  4. याद रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।
  • सथैलेमस :-

यह फासीकुलस फाइबर से बना होता है जो की ग्लोबस पैराडाइज को सबथैलीलामिक न्यूक्लियस से जुड़ता है।

  • पिट्यूटरी:-

यह मस्तिष्क के निचले भाग में एक मटर के आकार में स्थित होता है। ए हॉरमोन बनती है जो की दूसरी कोशिकाओं को कम करने के लिए रेगुलेट करते हैं।

कार्य :

  1. पिट्यूटरी हार्मोन हमारे शरीर मे  ब्लड प्रेशर, शरीर में नमक,पानी संतुलन,हृदय गति को  नियंत्रित करता है।
  2. तेजी से बड़ा होना बढ़ाना के लिए यही जिम्मेदार रहता है।
  3. सेक्स हार्मोन को नियंत्रण करता है।
  4. स्टन के दूध बनाने के लिए जिमेदार।
  • मध्य मस्तिस्क या मिड ब्रेन

यह मस्तिष्क का मध्य भाग है जो की थैलेमस और पॉन्स् के बीच में है।

अनुमस्तिष्क और प्रमस्तिष्क का संबंध मध्य मस्तिष्क द्वारा स्थापित होता है। इसकी लंबाई सबसे छोटी होती है लगभग 2 सेंटीमीटर। इसके चार प्रमुख भाग हैं जो की निम्नलिखित हैं:-

  1. टेक्टम
  2. सेरेब्रल एक्वाडक्ट
  3. टेगमेंटम और
  4. सेरेब्रल पेडुनेर्

कार्य:-

आ) यह आंखों की गति और पिल के फैलाव या फिर सिकुड़ को नियंत्रित करता है।

B) दर्द स्वस्थ रखना मनुष्य में विनिमित करने में सहयोग करता है।

  • हिंद ब्रेन

यह मस्तिष्क का सबसे निचला हिस्सा होता है। यह तीन भागों में विभाजितजो पश्चमस्तिष्क, मध्यमस्तिष्क और अग्रमस्तिष्क है।

~पश्चमस्तिष्क दो भागों में विभाजित है

  1. मेटेन्सेफेलॉन और
  2. मायलेन्सेफेलॉन
  3. मेटेन्सेफेलॉन दो भागो मे विभाजित है – a) मेटेंसेफेलॉन सेरिबैलम और b) पोंस
  • मायलेन्सेफेलॉन एक भग मे बता है –  -मेडुल्ला

A)सेरिबैलम:-

इसकी उपस्थिति पवंस के पीछे होती है जो की न्यूरो को अधिक सतह देती है। प्रमुखता यह मस्तिष्क और रीड की हड्डी के बीच संकेत को प्रदान करती है ।

B)पोंस

ये  हमारे जीवन में अहम भूमिका निभाता है।यह  मूत्र से पर नियंत्रण, चबाना, स्वाद ,चलने,चोट लगे ,छूने ,और सबसे अहम बात नींद जगाने, स्वप्न के लिए ही जिम्मेवार रहता है।

C)मेडुल्ला:-

सर्दी, खांसी ,उल्टी, जुखाम, दिल की धड़कन, आदि को मेडुला के द्वारा ही नियंत्रित किया जाता है।

  • मस्तिष्क में होने वाली बीमारियां, लक्षण एवं उनका इलाज
  1. ब्रेन टुयुमर
  • आजकल यह देखा जा रहा है कि यह ब्रेन ट्यूमर सामान्य  होता जा रहा है।
  • ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं
  • कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर
  • बिना कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर

ब्रेन ट्यूमर होने के कई कारण है जैसे कि रेडिएशन के दुष्प्रभाव, पहले से कैंसर का होना,एड्स।

 लक्षण

  • नींद में कमी ।
  • सिर में बार-बार दर्द होना ।
  • सोचने समझने की शक्ति में कमी ।
  • बार-बार थकान सा महसूस होना ।
  • धुंधली दृष्टि ,दूर की दृष्टि कम होना ।

इलाज

  • अगर सही समय पर इसका इलाज हो जाए तो ठीक हो सकता है इसके प्रमुखता दो इलाज है
  • सर्जरी
  • रेडिएशन थेरेपी
  • ब्रेन ट्यूमर का इलाज काफी महंगा रहता है।
  • होम्योपैथिक के द्वारा इसका इलाज करवाना काफी बेहतर रहता है क्योंकि यह बीमारी को जड़ से ठीक करती है।
  • ब्रेन हेमरेज :

यह बीमारी दर्द ज्यादातर एक्सीडेंट के कारण होता है। जब मस्तिष्क में 5 मिनट तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है तब होता है। इसके अलावा देखा जाए तो कभी-कभी दावों का गलत सेवन, चोट लगा आदि के कारण होता है।

 लक्षण

  • सर में दर्द ।
  • सोचने समझने की शक्ति खोना ।
  • बेहोशी का डोर पड़ना ।
  • उल्टी ।
  • देखने की क्षमता कमजोर होना ।

उपाय

  • क्योंकि ज्यादातर चोट एक्सीडेंट के कारण यह होता है तो हमें अपने दिनचर्या में सावधानी बरतनी चाहिए। और इसके हो जाने के बाद शराब का सेवन न करें ।
  • फल फ्रूट्स खाएं
  • समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लेते रहें।
  • ब्रेन कैंसर
  • वैसे तो ब्रेन कैंसर होने का कोई सटीक प्रमाण नहीं है परंतु फिर भी यह माना गया है डॉक्टरों की टीम के द्वारा यह माना गया है कि यह रेडिएशन के अंतर्गत आने में एड्स के कारण  होता है।
  1. ब्रेन कैंसर :-

लक्षण

  • धीरे-धीरे स्मृति खोना ।
  • मिर्गी या डर पादना दृष्टि कमजोर होना सर में दर्द होना ।
  • बोलने समझने की क्षमता खोना ।
  • भ्रमित होना ।

इलाज

हर चीज का एक सही समय होता है उसे समय पर अगर उसका इलाज हो जाए तो ठीक हो सकता है इसके साथ भी ऐसा ही है इसे ठीक करने के कई उपाय हैं जैसे की :

  1. सर्जरी रेडियो थेरेपी
  2. कीमोथेरेपी।

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