JN1: कोरोना का नया रूप – आगामी खतरा और सुरक्षा के उपायय

मार्च 2022 के बाद धीरे-धीरे लोगों में कोरोना का डर खत्म हो गया। वैक्सीनेशन यानी कि टीकाकरण होता गया और लोगों के अंदर एक उमंग और कोरोनावायरस से लड़ने की उम्मीद दोनों ही जाग गई। परंतु  फिर दिसंबर 2023 के अंत होते-होते देखा जा रहा है कि कोविद फिर से अपनी वही रफ्तार पकड़ रही है। क्योंकि लोगों में भय नहीं रहा तो लोग एक दूसरे से मिलजुल रहे हैं और कोविद से बचने की सारी मर्यादाएं का उल्लंघन किया जा रहे हैं।

  • JN1 : नया चेतावनीस्वरूप कोरोना

बताते चले कि इस मामले की संख्या बढ़कर 4199 हो चुकी है यह दिन प्रतिदिन इसकी संख्या बढ़ती जा रही है। विश्व के 41 देश में तबाही में जाकर के भारत में प्रवेश कर चुकी है। यूरोप में सबसे पहले इस मरीज को 23 अगस्त 2023 को देखा गया और फिर 8 दिसंबर को भारत के केरल राज्य में देखा गया। इस मामले को सबसे ज्यादा कनाडा है उस यूनाइटेड किंगडम में देखा गया। यह  कोरोना की तरह है जो की ओमिकरों वेरिएंट के सब वेरिएंट से बना हुआ है। करोड़ों से भी ज्यादा घातक है।

  • JN1 के लक्षण और स्वरूप

इस नए रूप के कोरोना वायरस के लक्षण और स्वरूप को समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आमतौर पर, इसमें सामान्य कोरोना के लक्षण शामिल होते हैं, जैसे कि बुखार, सांस की तकलीफ, और खांसी। हालांकि, इसके विशेष लक्षण भी हो सकते हैं, जिनमें थकान, मांसपेशियों में दर्द, और शीघ्र श्वास की कमी शामिल हो सकती है।

  • JN1से सुरक्षा के उपाय: जागरूकता और सावधानी
  1. बार-बार अपने आंख, कान,नाक को ना छुवे।
  2. कहीं बाहर से आने के बाद अच्छी तरह से अपने हाथों को धोए।
  3. अपने पास हमेशा सैनिटाइजर रखें।
  4. घर से बाहर निकलने पर मांस लगाए रखें ताकि किसी इनफेक्टेड पर्सन के कांटेक्ट में ना आये।
  5. इतनी हो सके लोगों से दूरी बनाए रखें। 
  • JN1के बाद आगामी खतरा

कॉविड-१९ जिसे हम कोरोना भी कहते हैं। माना जाता है कि चीन के द्वारा इस फैलाया गया दरअसल चीन में  इसे बनाया क्या था दूसरे देशों के लिए किंतु किसी गलती कारण या चीन के लोगों में ही फैल गया, और चीन में हजारों लाखों लोगों की जान चली गयी न केवल चीन में बल्कि पूरे विश्व में करोड़ों लोगों का जान ले चुका है।

भारत में कोविद कैसे आया था JN1: कोरोना का नया रूप – आगामी खतरा और सुरक्षा के उपाय :

  • सबसे पहले इसके मरीज चीन में कुछ सितंबर अक्टूबर में देखा गया था बाद में फिर धीरे-धीरे यह पूरे विश्व में फैलता गया। भारत में इस मरीज को पहली बार कुछ फरवरी में देखा गया था जो की विदेश से आए थे और कोविद के कारण पहली बार 24 मार्च 2020को  उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। उन्होंने पूरे भारतवर्ष के लोगों से अपील की कि उसे दिन अपने घर में ही रहे कोई कहीं भी अपने घर से बाहर न निकले। दरअसल यह किसी इनफेक्टेड पर्सन के कांटेक्ट में आने से फैलता है, या फिर किसी इनफेक्टेड चीज को छूने के बाद अपने आंख कहानी नाक को छूने पर यह फैलता है। यही कारण था कि उसे समय की तत्काल प्रधानमंत्री ने अपील की की कोई व्यक्ति अपने घरों से बाहर न निकले ताकि लोगों को एक दूसरे के कांटेक्ट में आने से रोका जा सके और या इसके बढ़ने की रफ्तार को काम किया जा सके। पहले वेब के कारण भारत में लगभग 6 महीना तक संपूर्ण लॉकडाउन रहा। उसे 6 महीने के समय में  केवल अस्पताल और मेडिकल स्टोर को छोड़कर के सारे यूनिवर्सिट, कॉलेज, स्कूल,ऑफिस, प्राइवेट कंपनी,सरकारी कंपनी सारा कुछ पूर्ण तरह से बंद कर दिया गया था। यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति विदेश जाता था तो उसे 15 दिन या 30 दिन के लिए करंट टाइम में रखा जाता था या तो फिर कोई व्यक्ति किसी एक स्टेट दूसरे स्टेट में जा रहा है तो उसे समय पर भी उसे व्यक्ति को 15 दिन या फिर एक महीने के लिए करंट टाइम मे रखा जाता था।ताकि लोग एक दूसरे के कांटेक्ट में काम आए और इस बीमारी पर  नियंत्रण  पा सके। और कुछ ऐसा हुआ भी भारतवर्ष में दूसरे देश के मुकाबले कोविद-19 धीरे गति से बढ़ रहा था।
  • पहले चरण में भारत को प्राप्त कुछ उपलब्धियां

● दूसरे देशों के मुकाबले में भारत में कोविद के मरीज कम दिखाई दे रहे थे। 

● बड़े-बड़े होटल रेस्टोरेंट को अस्पताल में तब्दील कर दिया गया।

● हर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की आपूर्ति को पूरा करने का पूर्ण प्रयास किया।

● ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने के लिए प्लांट लगाया गया।

● कॉविड के एंटीडोट बनाने के लिए एक बड़ी डॉक्टर की टीम का गठन किया गया।

● भारत के लोगों के मन में डर पैदा ना हो  इसीलिए उन्होंने एक रात अपने घर में एक दीपक जलाने का अनुरोध किया व थाली बजाने का।

● डीडी नेशनल पर रामायण जो की रामानंद सागर जी के द्वारा बनाया गया था उसका प्रसारण शुरू करवाया। ताकि लोगों भगवान के ऊपर विश्वास बना रहे।

  •  कोविद द्वितीय चरण (JN1: कोरोना का नया रूप – आगामी खतरा और सुरक्षा के उपाय)
  • पहले चरण में तो पूरा देश में संपूर्ण लॉकडाउन था किंतु देश की अर्थव्यवस्था को देखते हुए कुछ प्रतिबंधों के साथ कुछ चीजों को खोला गया। खुलने वाली चीजों में कुछ बड़े-बड़े ऑफिस, कॉलेज राशन का दुकान और टैक्सी रिक्शा  परंतु कम लोगों के साथ जो की बहुत महत्वपूर्ण थी।
  • इस समय कोरोना को लेकर के भय कम देखा गया। चुकी स्कूल और कॉलेज बहुत दिनों से बंद था तो बच्चे कब पढ़ाई पर असर न पड़े इसीलिए उन्हें केवल एग्जाम लेने के लिए खोला गयागया  बाकी सारे काम जैसे की पढ़ाई ऑनलाइन ही चला रहे।

कोविद-19 का तीसरा चरण 

  • कोविद-19 का तीसरा चरण भारत में दिसंबर  2021 के अंत में आया था। इस समय दो महीने के लिए लॉकडाउन किया गया जनवरी और फरवरी।
  • तीसरा चरण आते- आते  कॉविड-19 का दो एंटीडोट बनकर तैयार हो गया था  एक का नाम कोविशील्ड था और दूसरे का नाम कोवैक्सीन एवं  इसकी ट्रायल की जा रही थी  जिसमें वह पूरी तरह से सक्सेसफुल निकला।
  • निर्णय लिया गया कि पहले 40 से 60 साल के लोगों को टीकाकरण लगाया जाएगा उसके उपरांत 20 से 40 साल के युवा को उसके बाद फिर 10 से 20 साल के बच्चों को उसके बाद फिर छोटे छोटे बच्चों को।
  • कोविशील्ड का टीकाकरण करने से 1 दिन के लिए बुखार आता है जो की सिंपल पेरासिटामोल खाने से वह ठीक हो जाता है वही कोवैक्सीन का टीकाकरण करवाने से शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

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