How to reach Lakshadweep :- लक्षद्वीप कैसे पहुँचा जा सकता है? कितना होता है ख़र्च और कैसे मिलता है परमिट

लक्षद्वीप कैसे पहुँचा जा सकता है? कितना होता है ख़र्च और कैसे मिलता है परमिट :- लक्षद्वीप जो के भारत का एक अहम हिस्सा है। लक्षद्वीप भारत के मालाबार तट( दक्षिण पश्चिम क्षेत्र )से लगभग 220 से 400 किलोमीटर की दूरी पर अरब सागर में एक  दीप समूह है। 

How to reach Lakshadweep (लक्षद्वीप कैसे पहुँचा जा सकता है?) :-

  • अगर हम भारत के हैं भारत के जगह पर घूमने जा रहे हैं तो इससे हमारी ही तो हमारे ही अच्छा बढ़ेगी। फ्लाइट का रेट आपके जोश किए गए फ्लाइट और अब किस क्लास में सफर करते हैं उसे पर डिपेंड करेगा।हले बात करते हैं कि लक्षद्वीप कैसे पहुँचा जा सकता है।
  •  सबसे सामान्य तरीका है एयर ट्रैवल। आपको कोचीन से हेलीकॉप्टर या फिर शिप से जा सकते हैं।

Cost of the trip to Lakshadweep (लक्षद्वीप की यात्रा का खर्च) :-

  • अगर देखा जाए तो दूसरे देशों  मे घूमने जाने के मुकाबले में खर्च बहुत ही काम पड़ता है। और   अगर वहां पर आप अपना डेस्टिनेशन प्लान कर रहे हैं तो रुकने के लिए आप कई रेस्टोरेंट चूज कर सकते हैं जैसे की  बांग्रंन् आईलैंड रिजॉर्ट, रेड कोरल बीच रिजॉर्ट, व्हाइट परल बीच रिजॉर्ट, वंडरफुल रिजॉर्ट, टर्टल रिजॉर्ट। 
  • अगर सभी खर्च को मिला दिया जाए तो 75000 से लेकर के 1 लाख तक का पर हेड खर्च आता है। यह आप पर डिपेंड करेगा कि आप कितना खर्च करते हो आप चाहो तो इसे 50000 आप चाहो तो ऐसे दो से ढाई लाख में कर सकते हैं। मैं तो यह कहूंगा अगर आप वहा जाते हो तो वहां के नीले गहरे समुद्र में स्कूबा ड्राइविंग करके ही आना। 

Best places and islands to visit in Lashadweep :-

कवारत्ती :- लक्ष्यद्वीप की राजधानी कवरती है। यह जगह अपने सुंदर लागू ,व्हाइट हाउस, और लाइटनिंग के लिए प्रसिद्ध है। कवरत्ती सूर्यास्त   का नजारा देखने के लिए प्रसिद्ध है। इस जगह पर कई स्थानीय बाजार लगते हैं जहां से  आप अपने स्मृति के लिए कुछ खरीद सकते हैं। 

मिनिकॉय :- मिनिकॉय अपने  स्कूबा ड्राइविंग, स्नोकारलिंग आदि के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर आपको बड़े-बड़े रेस्टोरेंट होटल मिल जाएंगे। यह अपने प्राचीन प्रवाल भित्तियों के लिए प्रसिद्ध है। यह द्वीप लक्षदीप का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है। 

अगाती :- यह अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात है। यहां पर सफेद रेतीले समुद्र तट का आनंद ले सकते हैं। तथा यहां पर नीले पानी में स्कूबा ड्राइविंग कर सकते हैं। 

अन्दरोत :- लक्षद्वीप के प्राचीनतम द्वीपों में से एक है। यह लक्षद्वीप का सबसे बड़ा द्वीप है, जो की 2 किलोमीटर लंबा और 5 किलोमीटर चौड़ा है। 

Obtaining Permits to visit Lakshadweep :-

  • और अब, सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा – परमिट कैसे मिलता है? लक्षद्वीप जाने के लिए आपको परमिट की आवश्यकता है। आप इसे ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं और उसके लिए कुछ महत्वपूर्ण डॉक्युमेंट्स की जरूरत होती है।

Geography of lakshadweep :-

  • इस द्वीप का सतही क्षेत्रफल 32.62 किलोमीटर स्क्वायर है। 
  • कुल मिलाकर लक्षद्वीप में 36 द्वीप है। 
  • लक्षद्वीप में मिनिकॉय, अमीनी देवी,कवरती, सुहेलि, चेरियम,किल्टंन कडमट जैसे प्रमुख बड़े द्वीप हैं। 
  • 5 डिग्री चैनल लक्षद्वीप तथा मिनिकॉय को अलग करती है। 
  • 8 डिग्री चैनल मिनी कोच तथा लक्षद्वीप को अलग करती है। 
  • प्रारंभ में अरब सागर में इस द्वीप पर ज्वालामुखी उपस्थित था। इस द्वीप के जानमग्न हो जाने के कारण दीप के चारों तरफ वायु कर प्रवाल भित्तियां निर्मित हुई।इसीलिए से लक्षद्वीप के नाम से जाना जाता है। 
  • इस क्षेत्र में गर्म तथा अद्रा जलवायु उपस्थित है। 
  • यह एक प्रवाल द्वीप का उदाहरण है। 
  • रंग-बिरंगे प्रवाल लेबनूंन की उपस्थिति पर्यटकों को आकर्षित करती है। 
  • पर्यटन यहाँ का प्रमुख व्यवसाय है। 
  • 2021 की जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी की 70365 है। इसमें अधिकतर सुन्नी संप्रदाय की मुस्लिम रहते हैं। 
  • इसके अलावा केले का उत्पादन,नारियल का उत्पादन   प्रमुखता से किया जाता है। 
  • लक्षद्वीप में मैंग्रोव वनस्पति की प्रमुखता है। ( मैंग्रोव वैसी वनस्पति होती है जो सांस जल की तुलना में खारे जल में ज्यादा विकसित होती है) 
  • लक्ष्यद्वीप की राजधानी कवरती रहती है। 

History of Lakshadweep :-

  • लक्षद्वीप का इतिहास बहुत ही पुराना रहा है। बताया जाता है की  छठी शताब्दी के दौरान बौद्ध धर्म का इस क्षेत्र में प्रचलन था। नाक की केवल बौद्ध धर्म में बल्कि इस्लाम को अब्दुल्ला के द्वारा इस द्वीप पर लाया गया। 
  • आगे चलकर इस द्वीप पर चोल शासको ने भी शासन किया। जैसे-जैसे समय बिता गया अलग राजाओं ने शासन किया। 1787 ईस्वी में टीपू सुल्तान ने लक्षद्वीप के कुछ दीप पर शासन किया। उसके बाद जब टीपू सुल्तान की तीसरे आंग्ल मराठा युद्ध में हार हो जाती है उसके बाद यह क्षेत्र ब्रिटिश राज के अंतर्गत चला जाता है। तब से लेकर के आजादी तक इस पर ब्रिटिश का अधिकार रहा। 
  • आजादी के बाद जब देश का बंटवारा हुआ तो लक्षद्वीप किसके हिस्से में जाएगा इसका फैसला ब्रिटिश  ने नहीं किया। लक्षद्वीप पर मोहम्मद जिन्ना की तेज निगाह थी उसने पूरा इरादा बना लिया था कि लक्षद्वीप को पाकिस्तान के अंदर में लाना है। और उसने तुरंत पाकिस्तान सुना को लक्षद्वीप पर कब्जा करने के लिए भेज दिया।  जैसे ही यह बात उसे समय के गृहमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को पता चली उन्होंने तुरंत भारतीय सेना को लक्षदीप पर कब्जा करने के लिए भेजा।वह तो हमारा सौभाग्य है कि समय रहते हम पाकिस्तान की सेना लक्षद्वीप पर पहुंचने से  महज आधे घंटे पहले भारतीय सेना वहां पर पहुंच गई। 1 नवंबर 1956 को इस भारत का केंद्र शासित प्रदेश बना लिया गया। 
  • लक्षद्वीप को ले कर के विवाद क्यों.. ? 
  • हाल ही में भारत के प्रकार प्रधानमंत्री सिध्यंत्र मोदी जी लक्षद्वीप के दौरे पर गए थे वहां उन्होंने बीच पर कई तस्वीरें खिंचवाई और उसे पोस्ट किया  और साथ ही साथ उन्होंने अपने देश की खूबसूरती को प्रोत्साहन किया। जिस पर मालदीव्स की सरकार की कुछ मंत्रियों के द्वारा  अपसबद् बात कही गयी। फिर क्या था भारत में प्रधानमंत्री के लिए उपसबद देखकर के लोगों में गुस्सा बढ़ गया और ट्विटर पर एक ट्रेंड चला #बायकट मालदीव्स। स्टेट को भारत के कई सुपरस्टार ने, खिलाड़ियों ने   बढ़ावा दिया। और देशवासी से आग्रह किया कि कहीं बाहर घूमने से पहले  अपने देश में घूमे। 
  • मोदी जी के पोस्ट पर उपसबद बोलने का कारण भारतीय द्वारा चलाए गए स्टैंड की वजह से मालदीव के अर्थव्यवस्था में 20% की गिरावट आई। क्योंकि मालदीप की अर्थव्यवस्था मुख्यतः पर्यटक पर निर्धारित है,जिनमें अधिकतर भारतीय रहते हैं। 
  • दरअसल  फिलहाल मालदीव से भारत के रिश्ते कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं। खाली मैं वहां पर नई सरकार बनी है इन्होंने अपने मेनिफेस्टो में साफ-साफ कहा कि अगर सरकार बनती है तो मालदीव से भारत के सैनिकों को भगा देंगे। अरे कारण है कि चीन गवर्नमेंट ने भी मालदीव्स को सपोर्ट किया। और अभी मालदीव चीन के कतपुतली बन चुकी है जो कि भारत के लिए अच्छा नहीं है। यही कारण है मोदी जी ने लक्षद्वीप को बढ़ावा  देने के लिए लक्षद्वीप गए थे। 

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