Bharat Ke Pramukh Mandir | भारत के प्रमुख मंदिर , उनकी हैरान कर देने वाली प्रचलित मान्यताएं।

   

भारत के प्रमुख मंदिर , उनकी हैरान कर देने वाली प्रचलित मान्यताएं और कैसे जाए इन मंदिरों मै दर्शन करने ? Bharat Ke 10 Pramukh Mandir 

 

  • भारत विविधताओं का देश है। भारतीय संस्कृति मै मन्दिर एक पवित्र स्थल माना जाता है ।यहां आदि काल से ही मंदिरों का अपना एक अलग महत्व है ।अनेक राजाओं ने अपने राज्य मै ,अलग अलग देवी देवताओं का मंदिर का निर्माण करवाया था कुछ मंदिरों को विदेशियों द्वारा ध्वस्त करा दिया गया ।परंतु कुछ मंदिर आज भी है जो सनातन धर्म का प्रतीक है ।जिसे देखने के लिए विदेशों से लोग आते है । दुनिया मै सबसे जायदा मंदिर आपको भारत मै ही देखने को मिलेगी। जिसकी कलाकृतियां अद्भुत है । यहां अनेकों जाति धर्म के लोग रहते है ।एवम उनकी अपनी अपनी मान्यताएं है । यहां के मंदिरों मै आपको स्थापय कला, सौंदर्य कला कृतियां देखने को मिलेगी ।भारत मै अनेकों मंदिर है और उनकी अपनी प्रचलित मान्यताएं है ।जो आपको हैरान कर देगी और कुछ मंदिर के कलाकृतियां आपका मन मोह लेगी ।

  • माता वैष्णो देवी मन्दिर, जम्मू (Mata Vaishno Devi Temple, Jammu)

माता वैष्णो देवी मन्दिर, जम्मू (Mata Vaishno Devi Temple, Jammu)

  • माता वैष्णो देवी जिन्हें हम दुर्गा आदिशक्ति और भी कई नाम से जानते हैं ।यह मंदिर भारत के जम्मू और कश्मीर के त्रिकूट पर्वत पर है। इस मंदिर में मां महालक्ष्मी ,मां महासरस्वती और मां महाकाली विराजमान है। यह मंदिर एक गुफा के अंदर में है। जहां तक पहुंचने के लिए 12 km की चढ़ाई करनी पड़ती है।  मां वैष्णो देवी मंदिर जाने का सबसे सही मौसम नवंबर से अप्रैल तक है। इन महीनों में वहां सर्दी का मौसम होता है और वहां आपकोबर्फबारी भी देखने को मिल सकती है ।

  • मान्यताएं =

  • मां वैष्णो देवी के मन्दिर को लेकर अनेकों प्रचालित कथाएं है। जिनमें उनके चमत्कारों का वर्णन किया गया है। कथाओं का माने तो मां के दरबर मै चादर चढ़ाने से आपकी हर मनोकामनाएं पूरी होगी।

  • माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए इन चरणों का पालन करे । =

  1. जम्मू कश्मीर के कटारा शहर तक पहुंचे :

  • माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए सबसे पहले आप जम्मू कश्मीर के कटरा शहर तक पहुंचे आप जम्मू शहर कटरा वाणी या जम्मू तवी स्टेशन पर रेलवे या हवाई मार्क्स से पहुंच सकते है ।

  1. यात्रा पंथी निवास :

  • कटरा शहर पहुंचने के बाद , आपको यात्रा पंथी निवास के लिए पंथी निवास स्थल पर जाना होगा यहां आपको यात्रा की पंथी मिलेगी ,जहां से आप अपने यात्रा की शुरू कर सकते हैं

  1. यात्रा की शुरुवात:

  • यात्रा पंथी से आपको बाई नामक ब्रिज पर चलना होगा , जहां से माता वैष्णो देवी के दर्शन की पैदल यात्रा शुरू होती है । यहां से लगभग 13 किलोमीटर की पैदल यात्रा होती है । आप यात्रा पंथी पर सामग्री जैसे धूप ,बत्ती ,पानी ,पैकेट भोजन ,और चप्पल साथ में ले जाएं ।

  1. भव्यवान द्वार :

  • यात्रा के बाद आप भव्य वान द्वार पर पहुंचेंगे ,जो माता वैष्णो देवी के दरबार का प्रवेश द्वार है । यहां आपको जूते और खाने की चीजें छोड़ने होंगे।

  1. गुप्त गुफा :

  • भव्यवान द्वारा के बाद , आपको गुप्त गुफा मै जाना होगा । जहा माता वैष्णो देवी की प्रतिमा स्थापित है और आप था उनके दर्शन कर सकते है

  1. वैष्णो देवी मंदिर :

  • गुप्त गुफा के बाद , आपको  माता वैष्णो डेकिंके प्रमुख मंदिर तक आगे बढ़ना होगा । यह परंपरागत रूप से पूजा अर्चना की जाती है और आप माता की आरती और भजन का आनंद ले सकते है ।

  1. वापसी :

  • दर्शन के बाद , आपको वापसी की यात्रा पर वापस लौटना होगी आप यह तक पैदल या पोनी या पालकी का उपयोग करके वापस जा सकते है ।

  • यात्रा के दौरान ध्यान रखे की आप वहा की नियमो का पालन करे ।

  • तिरुपति बालाजी मन्दिर {Tirupati Balaji Temple}

तिरुपति बालाजी मन्दिर {Tirupati Balaji Temple}

  • यह मंदिर भगवान श्री हरि के वेंकटेश्वर स्वरूप को समर्पित है। वहां के देवता को कलयुग के देवता भी कहते हैं। क्योंकि पौराणिक कथाओं का माने तो भगवान कलयुग को बचाने के लिए प्रकट हुए थे। वेंकटेश्वर मंदिर तिरुपति जिले के तिरुमाला, आंध्र प्रदेश में है।

  • भगवान तिरुपति मन्दिर का निर्माण नरसिंह देव और वीर कृष्णदेव द्वारा बनाया गया था ।

  • मान्यताएं =

  •   तिरुपति बालाजी मन्दिर की मान्यताएं है कि भगवान वेंकटेश्वर कलयुग को बचाने के लिए प्रकट हुए थे।

  • तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए इन चरणों का पालन करे

  1. यात्रा की तैयारी

  • अपनी यात्रा की तैयारी करें,जिसमें आप पर्याप्त समय , ध्यान और आवश्यक आतरा दस्तावेज (टिकट पहचान प्रमाण पत्र )आदि होना चाहिए

  1. तिरुपति तक पहुंचना

  • तिरुपति जाने के लिए , आपको सबसे पहले हवाई जहाज , रेल, सड़क मार्ग का चयन करना होगा आंध्र प्रदेश में रेल और हवाई जहाज के लिए व्यापक सुविधाएं उपलब्ध है इसीलिए आपको वहां जाने में कोई कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा ।

  1. अनुमति प्राप्त करे

  • आपको मंदिर मै दर्शन करने के लिए पहले अनुमति प्राप्त करना होगा । आप दर्शन करने की अनुमति ऑफलाइन या फिर ऑनलाइन बुक कर सकते है ।

  1. दर्शन का समय चुने

  • आपको वहा जाने के लिए दिन का चयन करे

  1. विधियों का पालन करे

  • मंदिर में प्रवेश करने से पहले,आप वहां के नियम और विधियों को सही तरह से देख एवं पढ़ ले और उन नियमों का पालन सही तरीके से करें धार्मिक स्थल में आमतौर पर प्रारंभिक शुद्धि उपवास और उचित पहनावे के नियमों को सम्मिलित किया गया है जिससे पालन करना चाहिए 

  1. मंदिर के लिए यात्रा

  • आपको मंदिर के प्रवेश द्वार का पाला  करना होगा । वहा पे जाने के बाद आप सावधानी अवश्य बरते क्योंकि वहा अत्याधिक भीड़ होती है ।

  • जगन्नाथ मन्दिर (Jagannath Temple)

जगन्नाथ मन्दिर (Jagannath Temple)

  • ओडिशा के पूरी मै स्थित ,जगरनाथ मंदिर भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। जगन्नाथ मंदिर हिंदुओं के चार धामों में से एक गिना जाता है। इस मंदिर में श्री कृष्ण , बलराम और सुभद्रा तीनों की अलग-अलग मूर्तियां विराजमान है। यहा का रथ यात्रा मेला विश्व प्रसिद्ध है। यह मंदिर 12 वीं शताब्दी मै कलिंग राजा अनंतवर्मन जी के द्वारा बनवाया गया था।

  • मान्यताएं  =

  • जगन्नाथ मंदिर मै कई रहस्य है ,जिन्हे आज तक कोई नही जान पाया कहा जाता है की मंदिर मै भगवान श्री हरि का दिल है जो आज भी धड़क रहा है।

  • जगरनाथ मंदिर दर्शन करने कैसे जाए :- 

  1. पूरी पहुंचे

  • जगन्नाथ मंदिर दर्शन करने के लिए जाने के लिए आपको सबसे पहले पूरी पहुंचना होगा। पूरी पहुंचने के लिए आप हवाई यात्रा,रेल यात्रा ,सड़क यात्रा करके भी पहुंच सकते हैं। हवाई यात्रा के लिए आपको निकटतम विमान स्थल पूरी विमानस्थल जाना पड़ेगा, वहां से टैक्सी या बस की सेवाएं उपलब्ध होती है। इसके बाद आप जगन्नाथ मंदिर पहुंच जाएंगे अगर आप रेलवे यात्रा के करना चाहते है तो पूरी रेलवे स्टेशन पश्चिमी रेलवे रेखा पर स्थित है। जिसका का उपयोग कर सकते हैं।
  1. दर्शन करे

  •  मंदिर पहुंचने के यह बाद, आप भगवान जगन्नाथ ,सुभद्रा और बलराम जी  के दर्शन करें। दर्शन करने के बाद वहां आयोजन होने वाले प्रसाद भोज जिसे महाप्रसाद के रूप में जाना जाता है का आनंद जरूर लें।

  • बद्रीनाथ मन्दिर, उत्तराखंड (Badrinath Temple, Uttarakhand)

बद्रीनाथ मन्दिर, उत्तराखंड (Badrinath Temple, Uttarakhand)

  • उत्तराखंड के चमोली जिले में, स्थित बद्रीनाथ का मंदिर चारों धामों में से एक है। यह मंदिर जैन एवं हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। और यह जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ के लिए भी जाना जाता है। यह मंदिर साल में 6 महीना ही खुला रहता है ।

  • मान्यताएं = 

  • इस मंदिर की मान्यताएं है की, एक बार भगवान श्री हरि विष्णु तपस्या मै लिन थे और उस समय हिमपात होने लगा और भगवान विष्णु हिमपात से ढक गए। जिसे देखकर मां लक्ष्मी का ह्रदय भावनाओं से भर गया। उसके पश्चात मां लक्ष्मी भगवान श्रीहरि के समीप आके बद्री का पेड़ का रूप धारण कर एवं सारेहिमपात अपने ऊपर सहन करने लगी ।

  • बद्रीनाथ मंदिर जाने के लिए इन चरणों को पढ़े

  1. राष्ट्रीय मार्ग 58

  • बद्रीनाथ जाने के लिए आप राष्ट्रीय मार्ग 58 का चयन करें । जो कि रुद्र प्रयाग से गुप्तकाशी जोशीमठ से होते हुए बद्रीनाथ तक जाता है। आप इस यात्रा को करने के लिए निजी या सार्वजनिक परिवहन का चयन करें एवं साथ ही समय का भी चयन करें क्योंकि यह धार्मिक स्थल अप्रैल से नवंबर के अंत तक खुला रहता है । उसके बाद इस स्थल को बंद कर दिया जाता है क्योंकि वहां बर्फबारी होनी शुरू हो जाती है

  1. विधियों का पालन

  • बद्रीनाथ मंदिर में जाने से पहले वहां के विधियों का अच्छी तरह से जन ले और उनका पालन करें जैसे कि शुद्ध है वस्त्र उपवास इत्यादि

  1. दर्शन करने के लिए प्रवेश करे

  • बद्रीनाथ मंदिर में प्रवेश करने के लिए मंदिर के पास की ही पार्किंग एरिया तक पहुंच सकते हैं वहां से आपको मंदिर तक पैदल चलना होगा आपको अपने समूह और सुरक्षा के साथ चलना चाहिए क्योंकि वहां भीड़ काफी होती है

  • कामख्या मन्दिर , असम (Kamakhya Temple, Assam)

कामख्या मन्दिर , असम (Kamakhya Temple, Assam)

  • कामख्या मन्दिर,असम के निलाचल पर्वत पर स्थित है। ये पवित्र मन्दिर हिंदुओ की देवी-देवताओं को समर्पित है। यह मंदिर असम की राजधानी दिसपुर से कुछ दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण मलेच्छ वंश के राजा ने करवाई थी। बाद में राजा नर नारायण ने पुनः निर्माण करवाया थ एक्स निर्माण समय लगभग 8 वी से 7 वी सदी है ।

  • मान्यताएं =

  • पुरानी कथा के अनुसार जब माता सती अपना देह त्याग देती हैं।तब भगवान उनको लेकर के तांडव करने लगते हैं। उसके बाद भगवान विष्णु अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के देह को टुकड़ों में काट देते हैं। और वही टुकड़ा जो गर्भ था वह नीलांचल पर्वत पर जा गिरा जहां माता के मंदिर निर्माण करवाया गया था। जिससे देवी कामाख्या कहा जाता है।

  • कामख्या मन्दिर कैसे जाए

  1. गुवाहाटी पहुंचे 

  • कामाख्या मंदिर पहुंचने के लिए आपको असम के गुवाहाटी शहर पहुंचना होगा ,जो कि असम की राजधानी शिलांग से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित है। गुवाहाटी आप नहीं मान वायुयान द्वारा पहुंच सकते हैं।गुवाहाटी से कामाख्या माता मंदिर तक पहुंचने के लिए अनुबंधित परिवहन की सुविधा वहां उपलब्ध होती है। इसके अलावा आप शहरी परिवहन जैसे टैक्सी ऑटो रिक्शा या बस का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  1. मंदिर के प्रवेश द्वार

  • मंदिर के प्रवेश द्वार तक पहुंचने के लिए आपको कामाख्या है। की चढ़ाई करनी पड़ेगी मंदिर के सबसे निकट में कामाख्या रेलवे स्थानक स्थित है। जहां से आप सारी परिवहन के द्वारा मंदिर के प्रवेश द्वार तक पहुंच सकते हैं।

  1. अनुमति प्राप्त करे

  • अगर आप माता कामाख्या मंदिर में किसी पूजा या आरती में शामिल होना चाहते हैं, तो आपको पूजा के लिए मंदिर परिसर से अनुमति लेनी होगी।

  • सिद्ध विनायक मन्दिर , मुंबई (Siddha Vinayak Temple, Mumbai)

  • सिद्धि विनायक मंदिर मुंबई में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। जिन्हें हम सिद्धि विनायक मंदिर के नाम से जानते हैं। यह मंदिर भगवान श्री गणेश को समर्पित है ।

  • मान्यताएं =

  • इस मंदिर की मान्यताएं है। इस मंदिर मै जो भी मननत मांगी जाती है वह जरूर पूरी होती है ।

  • सिद्धिविनायक मंदिर दर्शन करने के लिए कैसे जाए

  1. मुंबई पहुंचे

  • सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचने के लिए आप सबसे पहले मुंबई पहुंचे , आप इसके लिए वायुयान, रेल यात्रा का सुविधा ले सकते है। वहा से आप टेक्सी करके सिद्धिविनायक मंदिर पहुंच सकते है। यह मंदिर भगवान श्री गणेश को समर्पित है। जहा जाके आप भगवान गणेश जिनका दर्शन कर सकते है।

  • रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Temple)

  • हिंदुओं के पवित्र चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक रामानतपुरम जिले में स्थित रामेश्वरम मंदिर भी है। घटनाएं बताती है कि इनका संबंध रामायण से है ।

  • मान्यताएं =

  • जब प्रभु श्री राम माता जानकी को पुनः पाने के लिए श्रीलंका जा रहे थे। तब उन्होंने राम सेतु का निर्माण करवाया था निर्माण करवाने से पहले भगवान श्रीराम में भगवान शिव की उपासना की थी।उसी स्थान पर रामेश्वरम मंदिर का निर्माण करवाया गया है ।

  • रामेश्वरम मंदिर दर्शन करने कैसे जाए

  1. रामेश्वर तक पहुंचे

  • रामेश्वरम शहर तक पहुंचने के लिए आप वायुयान,रेलवे इत्यादि परिवहन ओं का उपयोग कर सकते है। वायुयान के लिए आपको मदुरै हवाई अड्डा का प्रयोग करना पड़ेगा

  1. ठहरने का प्रबंध

  • रामेश्वरम पहुंचने के बाद आपको मंदिर के आसपास अनेक आवासीय होटल और धर्मशालाएं ठहरने के लिए मिलेंगी।, जहां आप ठहर सकते है।

  1. मंदिर पहुंचे

  • मंदिर पहुंचने के बाद, आप दर्शन कर सकते है। ध्यान रखें वहां के स्थानीय नियमों चारों और संस्कृति का सम्मान करें। मंदिर के शांति और अध्यात्म वातावरण को स्थापित रखने के लिए, वहां के अनुशासन नियमों का पालन करें।

  • काशी विश्वनाथ मन्दिर (Kashi Vishwanath Temple)

  • भारत के उत्तर प्रदेश के प्राचीन शहर बनारस में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर है। जैसे कि हम सब जानते है,कि भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर है उनमें से एक काशी विश्वनाथ मंदिर है। मंदिर को बनाने का श्रेय महारानी अहिल्याबाई को दिया जाता है। जिसकी स्थापना 1750 में हुई थी। पहली बार इस मंदिर को तोड़ने का प्रयास मोहम्मद गोरी द्वारा किया गया था परंतु पुनः बाद मैं बनाया गया।उसके बाद सुल्तान मोहम्मद शाह ने छुड़वा दिया अंतिम बार औरंगजेब द्वारा इस मंदिर को तोड़ा गया। परंतु इतना कुछ होने के बाद भी इस मंदिर के प्रति आस्था कम नहीं हुआ है ।

  • मान्यताएं =

  • ऐसा माना जाता है कि अगर कोई एक बार काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन करके गंगा जी में स्नान कर ले तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है ।

  • काशी विश्वनाथ मंदिर मै दर्शन करने कैसे जाए

  1. यात्रा की तैयारी करे

  • काशी विश्वनाथ मंदिर जाने के लिए सबसे पहले आ पात्रा की तैयारी करें , जिसमें अपने टिकट समय और आवश्यक सामानों की लिस्ट तैयार करें एवं अपने वाहन का चयन करें ।

  1. वाराणसी पहुंचे

  • आप सबसे पहले वाराणसी पहुंचे ।आप वाराणसी पहुंचने के लिए रेल मार्ग  या वायु मान मार्ग का चयन कर सकते हैं । वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट लोकनायक जयप्रकाश नारायण विमान स्थल और वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन है आप अपनी सुविधा अनुसार किसी भी वाहन से बनारस पहुंच सकते हैं

  • वहां तक पहुंचने के बाद आप वाराणसी के सारी परिवहन के सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।

  1. मंदिर के नियमों का जांच करे

  • काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष दिन और समय के लिए अलग-अलग प्रकार की प्रवेश प्रणालियां हैं ।

  • इसीलिए यह अत्यंत आवश्यक है कि आप वहां जाने से पहले इसकी जांच कर लें ।

  1. मंदिर मै दर्शन करे

  • मंदिर पहुंचने के बाद आप वहां दर्शन कर सकते हैं । ध्यान दें कि इस मंदिर में बहुत भीड़ होती है तो आप अपने समूह के साथ सावधानीपूर्वक चलें ।

  • सोमनाथ मन्दिर (Somnath Temple)

  • गुजरात के पश्चिम छोर पर स्थित सोमनाथ मंदिर हिंदुओं का पवित्र मंदिर में से एक है।भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ का मंदिर भी है। इस मंदिर को कई बार गिराया गया।जिन्हें महमूद गजनबी ने 1050 ईसवी में ,दिल्ली के सुल्तान औरंगजेब ने 1706 में शामिल है। एवं अंत में 1955 में भारत के गृह मंत्री सरदार पटेल ने पुनः बनवाया और देश के नाम समर्पित किया ।

  • मान्यताएं =

  • ऐसा माना जाता है,  कि सोमनाथ मंदिर के दर्शन से ही सारे पाप नष्ट हो जाते है।एवं सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ।

  • सोमनाथ मंदिर कैसे जाए

  1. यात्रा की तैयारी करे

  • सोमनाथ मंदिर जाने के लिए अपने आत्रा की तैयारी करें। जिसमें आप पर्याप्त समय, आवश्यक दस्तावेज (टिकट पहचान पत्र )आदि होना चाहिए

  1. वेरावल तक पहुंचे

  • सोमनाथ मंदिर दर्शन करने जाने के लिए आप सबसे पहले वेरावल शहर तक पहुंचे। आप वेरावल शहर तक जाने के लिए ट्रेन बस या खुद के वाहन चुन सकते हैं।

  1. वेरावल से सोमनाथ मंदिर पहुंचे

  • वेरावल पहुंचने के बाद, सोमनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए आप टैक्सी ,ऑटो रिक्शा इत्यादि परिवहन ओं का प्रयोग करे। एवं वेरावल से 7 किलोमीटर दूर सोमनाथ मंदिर तक पहुंचे।

  1. मंदिर का समय और विधियों को जाचे

  • सोमनाथ मंदिर दिन भर खुला रहता है, लेकिन आपको मंदिर की खुलने और बंद होने की जांच कर लेनी चाहिए। इसके अलावा विभिन्न पूजा और आरती कब आयोजित की जाती है, जिनमें आप भी भाग ले सके उनकी भी जांच कर ले। सोमनाथ मंदिर में प्रवेश करने से पहले आप  वहां के विधियों की भी जांच कर ले।

  1. दर्शन करे

  • सोमनाथ मंदिर मै प्रवेश करने के बाद ,आप मंदिर प्रांगण मै जाके देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर सकते है।

  • खजुराहो मंदिर , मध्यप्रदेश {Khajuraho Temple, Madhya Pradesh}

  • खजुराहो मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। यह मंदिर अपने आस्था एवं सुंदर कला के लिए प्रसिद्ध है।यह मंदिर को तांत्रिकों का मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर को विश्व धरोहर की सूची मै शामिल किया गया है ।

  •  मान्यताएं  =

  • यह मंदिर तांत्रिक के लिए काफ़ी प्रसिद्ध है।यहां पे आने वाले कभी भी खाली हाथ नहीं जाते है।

  • खजुराहो मन्दिर कैसे जाए

  1. खजुराहो तक पहुंचे

  • खजुराहो तक पहुंचने के लिए आपको रेलवे मार्ग, वायु मार्ग का चयन कर सकते है। अगर आप वायु मार्ग का चयन करेंगे, तो आपको खजुराहो हवाई अड्डा का चयन करना होगा। खजुराहो जाने के लिए आप दिल्ली,मुंबई, जयपुर और भोपाल जैसे शहर से उड़ान सेवाएं ले सकते हैं।

  1. मंदिर तक पहुंचे

  • खजुराहो तक पहुंचने के बाद, आप शहरी परिवहन जैसे ऑटो रिक्शा इत्यादि का प्रयोग करके मंदिर तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा आप स्वयं की गाड़ी किराए पर ले सकते हैं। यह फिर स्थान यात्रा एजेंसी के माध्यम से यात्रा आयोजित कर सकते हैं।

  1. दर्शन करे

  • मंदिर में दर्शन करने के बाद,आप वहां के आसपास के मंदिर जैसे लक्ष्मण मंदिर इत्यादि का दर्शन कर सकते हैं।

 

  • बोध गया  (bodh gaya)

  • यह मंदिर बिहार के गया जिले मैं स्थित है। यह मंदिर बोधियो के लिए कभी पवित्र माना जाता है,क्योंकि महात्मा बुद्ध ने यह पे कई सारे उपदेश दिए है ।

  • मान्यताएं  =

  • इस मंदिर की मान्यताएं है की यहां महात्मा बोध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी ।

  • बोध गया मंदिर कैसे पहुंचे

  1. यात्रा की तैयारी कर

  • बोध गया जाने के लिए आप अपने तारीख को नियोजित कर ले  क्योंकि गया मंदिर एक प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल है और यहां बहुत से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। इसीलिए आप अपनी यात्रा की तिथि को पहले से ही बुक कर ले ताकि आपको परेशानियों का सामना करना ना पड़े।

  1. गया पहुंचे

  • गया पहुंचने के लिए, आप गया हवाई अड्डा का प्रयोग कर सकते हैं। जो मंदिर से 7 किलोमीटर दूर स्थित है।

  1. मंदिर पहुंचे

  • गया पहुंचने के बाद, आप मंदिर तक पहुंचने के लिए शहरी परिवहन का प्रयोग कर सकते हैं।

  1. दर्शन करे

  • मंदिर के अंदर आपको ध्यान देने और स्थानों पर जाने का अवसर मिलेगा, जहां आप बैठकर ध्यान और मनन कर सकते हैं। इसके अलावा मंदिर में प्रयोगशाला भी है,  जहां से आपको बौद्ध धर्म के बारे में जानकारियां मिल सकती है।

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