कृष्ण जन्मभूमि को लेकर के विवाद क्यों?

कृष्ण जन्मभूमि :- जगत के पालन करता भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्री कृष्णा  है। इनका जन्म द्वापर युग में हुआ यह इस युग के सबसे उत्तम  युगपुरुष थे।  पुरानी ग्रंथ ऑन पुराने कथाओं की माने तो भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा( जो कि अभी मध्य प्रदेश में स्थित है )में हुआ था । कृष्ण,गोविंद,मुरारी,वासुदेव ,गोविंद ,कन्हैया ,माखनचोर, आदि भगवान श्री कृष्ण के नाम है।

  • भगवान श्री कृष्ण केवल द्वापर युग महीने बल्कि हर युग में  उनके लिए अलग भक्ति देखी गई है। क्योंकि भगवान मैं इस अवतार को एक अलग ही ढंग से जिया। उनके व्यक्तित्व के बारे में हम आगे पढ़ेंगे।

भगवान श्री कृष्ण का  जीवन लीला

  • भगवान श्री कृष्णा देवकी और वासुदेव के आठवीं संतान थे।जिनका जन्म कंस को मरने के लिए हुआ। इसी भय से कंश ने  वासुदेव और देवकी को बंदी बनाकर रखा था यही कारण वश इनका जन्म कंस के कारागार में हुआ। जन्म के पश्चात भगवान की लीला से उनको मथुरा से दूर गोकुल में नंदलाल और यशोदा के घर में रखा गया जब वह  बड़े हो गए तो कंस का वध किया। कुछ समय के पश्चात उसे समय के सबसे महान सम्राट कहे जाने वाले जरासंघ को उन्होंने बार-बार युद्ध में पराजित किया।
  • कुछ समय पश्चात महाभारत का युद्ध छिड़ गया उस युद्ध में भगवान ने पांडवों की तरफ से अर्जुन का सारथी बनने का निर्णय लिया और जब युद्ध भूमि में अर्जुन ने युध   लड़ने के लिए मना कर दिया तो उन्होंने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया। यह युध पांडवों एवं कौरवों के बीच का था जो की 18 दिन तक चला।
  • युद्ध के पश्चात वे अपने राज्य द्वारिका चले गए जहां उन्होंने कई पपिया का  संघार किया।

कृष्ण जन्मभूमि को लेकर के विवाद क्यों?

  • हिंदु ग्रंथो, वेदो मे भगवान का जन्म मथुरा बताया गया है। क्योंकि भगवान का जन्म यही हुआ था तो  सनातनियों के लिए यह जगह बहुत पवित्र माना जाता है।परंतु जब शाहजहां के बाद उसका पुत्र औरंगजेब दिल्ली की गाड़ी पर बैठा(1658) तो उसने  सैकड़ो हिंदू मंदिरों को गिराने का आदेश दे दिया जिसमे सोमनाथ काशी विश्वनाथ, केशवदेव आदि कई बड़े बड़े मन्दिर थे। नाक की केवल मंदिर इसने कई हिंदुओं को जबरदस्ती उसका धर्म परिवर्तन करवाया  यह सभी जानकारी हमें उनके दरबारी के द्वारा लिखित  मआसिर-ए-आलमगीरी  के  किताब से मिलते हैं।
  •  कृष्ण जन्मभूमि को तोड़ने के लिए कई प्रयास  अलग-अलग शासको के द्वारा किया गया। सर्वप्रथम प्रयास 1017 में मोहम्मद गजनी के द्वारा किया गया जिसमें मंदिर को लूट करके उसे विध्वंस कर दिया गया।अंतिम लूट औरंगजेब के द्वारा किया गया और मंदिर के  निकट ही इर्दगह का निर्माण करवा दिया।
  • लोगों का मानना है कि जहां पर इर्दगह  बनवाया गया है वहीं पर कंस का  कारावास था जहां पर भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ। ऐसी मान्यता है कि पहले वहां पर मंदिर थे जिससे तोड़कर के औरंगजेब ने ईदगाह मस्जिद का निर्माण करवाया।
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  • कृष्ण जन्मभूमि को लेकर के हिंदू और मुस्लिम पकछ के बीच ये बहुत पुरानी लड़ाई  चलती आ रही है ।हिंदुओं का कहना है इस जगह पर श्री कृष्ण का जन्म स्थान है इसीलिए ईदगाह मस्जिद को हटाया जाए,और मस्जिद जैसी कोई भी आकृति वहां पर रखा ना जाए । परंतु मुसलमान का कहना है कि यह औरंगजेब ने बनवाया  था तो यह हमारा है और हिंदुओं के पास ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जिससे कि हम मान सके कि यहां पर श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।

आईए देखते हैं कोर्ट इस मुद्दे पर क्या कहता है

  • 1968 में हिंदुओं के पक्ष से श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा संघ और मुसलमानों के पक्ष से शाही ईदगाह मस्जिद के बीच एक समझौता हुआ  जिसमें इस जगह को दो भागों में बांट दिया गया।
  • परंतु कोर्ट ने इसे अवैधता करके खारिज कर दिया।
  • बहुत समय से विवाद चला रहा सर्वप्रथम यह  यह वहां के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में था फिर आगे चलकर इस मुद्दे को हाईकोर्ट ने अपने हाथ में ले लिया।
  • राम जन्मभूमि की तरह श्री कृष्ण जन्म भूमि में कोर्ट इस फैसले को देने से बचते आई। कई बार याचिका को खारिज कर दिया गया।
  • 14 दिसंबर 2023 को मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के निकट स्थित ईदगाह मस्जिद को निरीक्षण  करने  करने के लिए आयोग की मांग को मंजूरी दे दी है।
  • 18 दिसंबर 2023 को  इस आयोग की रूपरेखा एवं इसके सदस्य की नियुक्ति की आएगी।

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